शुक्रवार, 23 जनवरी 2009

यह सोचने का समय है|

जैसा की मैंने कल लिखा था की यह मेरी शुरुआत है आज हम थोडी सी विस्तृत चर्चा करेंगे की आखिर क्यों हमें उदासी आती है क्यों हम चलते चलते ठहर जाते है ऐसा क्या है की यह सब अचानक हो जाता है जिस चीज के लिए हम दोड़ते है वह हमें नही मिल पति और जब हम उसकी आशा छोड़ देते है तब वह आने लगती है और जैसे ही वह आने लगती है हम पुनः उसके पीछे भागते है और वह फिर मुश्किल लगने लगती है आखिर क्या कारण है हमने जो सपने देखे होते है जो अरमान हमारे होते है वे बड़ी मुश्किल से पुरे होते है जो कम हमरे लिए मुश्किल होता है वाही किसी के लिए आसन हो जाता है और हमारे लिए असं काम किसी के लिए मुश्किल होता है
कुछ प्रश्न है जो आज के लिए है कल हम कुछ और चर्चा करेंगे

धन्यवाद

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