मंगलवार, 27 जनवरी 2009

यह सोचने का समय है

indoneshiya में फतवा जरी कर कहा है की मुस्लमान योग नही करे क्या स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ है आपका शरीर अच्छा है तो सब कुछ अच्छा है जहा तक ॐ शब्द है उसे हिंदू मंत्र से जोड़ा ja रहा है परन्तु में मानता हु की यह सब बकवास है पहला सुख निरोगी काया आपको लगता है की योग से जीवन सुधर सकता है तो क्यो नही योग करे जहा तक ॐ शब्द का सवाल है यह वैज्ञानिक रूप से भी साबित हो चुका है की इस शब्द में ताकत है में इतना तो नही जानता की मंत्रो की कितनी उपयोगिता है पर मंत्रो की ताकत तो होती है चाहे वह हिंदू हो मुस्लिम हो सिख हो या ईसाई हो अतएव धर्मं को स्वस्थ्य से जोड़ा जाना कितना सही है शरीर अच्छा होगा तो उपरवाले की इबादत होगी नही तो सिर्फ़ शिकायत होगी। हे इश्वर बचाओ इन मानसिकता से हिंदू मुस्लिम सिख इसाई या कोई और आज इसलिए एक दुसरे से मिलजुल कर नही रह रहे है क्योकि प्रथ्वी से बाहर की कोई शक्ति हम पर हावी नही हुई है नही तो क्या हम ये कहेंगे कीपहले हमारे भाई को मारो हमें इंसान कोम बनाना होगी तभी हम आगे बढ़ सकते है हमें अगला पड़ाव चाँद और मंगल पर डालना है बेकार की बातो को छोड़कर क्रेअतिविटी पर ध्यान दे तो अच्छा है



धन्यवाद्

1 टिप्पणी:

  1. योग से जीवन सुधर सकता है तो क्यो नही योग करे जहा तक ॐ शब्द का सवाल है यह वैज्ञानिक रूप से भी साबित हो चुका है की इस शब्द में ताकत है में इतना तो नही जानता की मंत्रो की कितनी उपयोगिता है पर मंत्रो की ताकत तो होती है चाहे वह हिंदू हो मुस्लिम हो सिख हो या ईसाई हो अतएव धर्मं को स्वस्थ्य से जोड़ा जाना कितना सही है शरीर अच्छा होगा तो उपरवाले की इबादत होगी.......

    Bilkul sahi likha aapne......!

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