बुधवार, 7 मार्च 2012

काफी लम्बे समय के बाद आज लिख रहा हु |

दोस्तों नमस्कार, आप सोच रहे होंगे काफी समय के बाद आज कैसे छाती कुटा में लिख रहा हु शब्दों को जैसे जंग लग गया था और विचारो के बीच बांध बंध गया था पर हाथ कुलबुला रहे थे की कुछ तो विचारो को पंख लगने दिए जाय और अभी लिखना शुरू कर रहा हु
दोस्तों इन डेढ़ वर्षो में जीवन के काफी उतार चढाव देख लिए और ऊपर वाले से बड़ी मिन्नत कर जिन्दगी को वापस ले कर आया हु आगे में मेरी पारिस्थिटी को बयां करूँगा पर आपका होसला चाहिए की में आगे लिख सकू
धन्यवाद्

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