कई दिनों के बाद रोने की इच्छा हो रही है पर आंसू आने को तेयार नही है ,
कहते है तुम्हारी आँखों में महफूज हूँ ये दुनिया मजेदार नही है
क्या हँसे हसने पर लगने लगा है डर, हँसेगे तो भी लग जायेगी नजर
हमें तो अपनी नही मालूम पर पुरी दुनिया को है मेरी ख़बर
तारीफ़ करते है दुनिया वाले ये सिर्फ़ स्वार्थ है कोई प्यार नही है
कहते है की मेहनत से किस्मत बदली जा सकती है पर किस्मत ने मेहनत को बदल दिया
मेहनत तो हमने बहुत की पर इसका मजा तो दुनिया वालो ने ले लिया
शायद हमारी किस्मत को हमारी मेहनत स्वीकार नही है
होने लगा है हमें आब शक ऊपर वाले भी की वो मजा ले रहा है हमारा ,
दोड़ और नाच जैसा हम कहे वरना आना पड़ेगा दोबारा
बहुत हो गया है अब पुनः आने का विचार नही है
koi mood nahi hai
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